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MBA यानी समय के साथ चलता कॅरिअर विकल्प

कुमार आदित्य
 
उदारीकरण के बाद से जिस प्रमुख कॅरिअर विकल्प की ओर युवाओं का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है, वह है प्रबंधन का क्षेत्र। प्रबंधन अर्थात मैनेजमेंट की फील्ड़ में कॅरिअर बनाने के इच्छुक युवाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि एमबीए यानी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनेस्ट्रेशन का क्रेज युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि प्रबंधन के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुयी है। गौरतलब है कि सन् 1993 में जहां एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त मैनेजमेंट के इंस्टीट्यूट की संख्या करीब 100 के लगभग थी, आज बढ़कर 900 से अधिक हो चुकी है। जाहिर है कि कॅरिअर के रूप में बिजनेस मैनेजमेंट की फील्ड युवाओं को खासी संख्या में लुभा रही है और तमाम संस्थान युवाओं के इस आकर्षण का जमकर दोहन भी कर रहे हैं।

सामान्य परिचय-
एमबीए के दूसरे पहलुओं के बारे में बात करने से पहले हम यह जान लें कि वास्तव में बिजनेस मैनेजमेंट है क्या?प्रबंधन की सबसे आसान परिभाषा काम करने की कला है। बिजनेस मैनेजमेंट वह प्रक्रिया है जिसमें ऐसा वातावरण निर्मित किया जाता है,जिसमें काम करने वाले समूह दक्षतापूर्वक कार्य निष्पादित करते हैं। इसमें व्यक्तिगत प्रतिभा तथा प्रयास द्वारा प्रभावी रूप से किसी समूह की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है।आधुनिकीकरण के कारण व्यवसाय की जटिलताएं बढ़ती जा रही हैं। इसलिएं प्रबंधन कौशल प्रशिक्षण का महत्व भी बढ़ता जा रहा है।

स्वरूप-व्यवसाय प्रबंधक लाभदायक स्थिति तथा बढ़े हुए उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं,इसलिए प्रबंधक लक्ष्य निर्धारित कर योजनाएं लागू करता है तथा मुनाफे का सुनिश्चितकरता है। आज इसका स्वरूप इतना व्यापक हो गया है कि निर्माण व्यवसाय,उधोग,सरकारी दफ़तरों,फिल्म निर्माण,खेल,मीडिया सभी जगहों पर प्रबंधकों की जरूरत पड़ने लगी है तथा इसका कार्य क्षेत्र व्यापक होता जा रहा है।

एमबीए का क्रेज क्यों?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि उदारीकरण के बाद भारत में औधोगिक समूहों व सेवा क्षेत्र में व्यवसाय प्रबंधन में दक्ष यानी एमबीए कर चुके युवाओं की मांग तेजी से बढ़ी है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट के प्रसून मजूमदार,डीन एकेडेमिक, इस संबंध में कहते हैं ‘उदारीकरण के बाद भारत विश्व अर्थव्यवस्था का अंग हो गया है। यहां सर्विस सेक्टर परिपक्व हो चुका है। इसलिए एमबीए कर चुके युवाओं की मांग में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा एक बात यह भी है कि एमबीए कार्यक्रम अपने आप में बहुत लचीला है और यह समय की आवश्यकता के अनुसार पिछले कई सालों से बदल रहा है,जिस वजह से किसी विशेष सेक्टर,किसी विशेष इंडस्टी में एमबीए करे हुए युवाओं की मांग लगातार बनी रहती है।“ एक निजी संस्थान से एमबीए कर रहे सामर्थ पांडे कहते हैं ‘एमबीए का कोर्स इंजीनियरिंग की तरह नहीं है कि आप सिर्फ इलेक्ट्रिनिक्स या सिविल इंजीनियर हैं। एमबीए में कई क्षेत्र हैं,जिसे आप अपनी रूचि और व्यक्तित्व के हिसाब से चुन सकते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने के बाद वैसे ही मैनेजमेंट के क्षेत्र में रोजगार बेहताशा बढ़े हैं,जिससे एमबीए का क्रेज भी बढ़ा।’

प्रवेश-
खास बात यह है कि जिस तेजी से एमबीए कर चुके युवाओं की मांग बढ़ रही है,उसी तेजी से उसे भुनाने के इच्छुक संस्थानों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही हैं। ऐसे में मैनेजमेंट की फील्ड में जाने के इच्छुक विधार्थियों के लिए संस्थान का चुनाव खासा मुश्किल काम है। हालांकि एमबीए जैसे कोर्स में प्रवेश के दो तरीके हैं। पहला तो कैट/मैट जैसी सामूहिक प्रवेश परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर अपनी मेरिट के हिसाब से संस्थान प्राप्त करना।एमबीए के लिए विधार्थी को न्यूनतम 50 फीसदी अंक के साथ स्नातक होना चाहिए। प्रबंधन की शिक्षा में प्रख्यात इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अर्थात आईआईएम में कैट के माध्यम से प्रवेश मिलता है। दूसरा तरीका अपेक्षाकृत सरल है,जिसमें निजी संस्थानों की संस्थानागत प्रवेश परीक्षा देकर संस्थान में प्रवेश लिया जा सकता है।कुछ संस्थानों में इंटीग्रेटेड एमबीए भी संचालित हैं अर्थात 12वीं के बाद छात्र ऐसे कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं और पांच साल की अवधि के पश्चात वे एमबीए की डिग्री ले सकते हैं। आईआईपीएम के प्रसून मजूमदार कहते हैं ‘मैनेजमेंट के कोर्स में दाखिले से पहले वास्तविक तौर पर 10वीं तक का ज्ञान पर्याप्त होता है लेकिन अनेक छात्र इतिहास, भूगोल,इंग्लिश या साइंस में ग्रेजुएशन के बाद एमबीए में प्रवेश लेते हैं। यदि वे 12वीं के बाद ही इंटीग्रेटेड कोर्स के माध्यम से एमबीए करते हैं तो वे इस क्षेत्र में अधिक दक्ष हो सकते हैं।’

प्रबंधन शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य-
जानकार बताते है कि देश में इस वक्त चार स्तर के मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट संचालित हैं। पहले उच्च स्तर के जैसे आईआईएम। दूसरे वे संस्थान जो किसी औधोगिक समूह द्वारा संचालित हैं और ‘जॉब’की न्यूनतम गारंटी अपने छात्रों को देते हैं। तीसरे वे संस्थान जो किसी विश्वविधालय के विभाग द्वारा संचालित हैं ओर जहां शिक्षा की ‘क्वालिटी’श्रेष्ठ नहीं है पर क्षेत्रीय औधोगिक समूहों में ये संस्थान अपने विधार्थियों को ‘जॉब’दिलाने में मदद करते हैं। चौथे,वे संस्थान हैं,जहां न शिक्षा का कोई स्तर है और न ही किसी औधोगिक समूहों का वरदहस्त। मजे की बात यह है कि चैथी श्रेणी के संस्थानों की संख्या बहुत अधिक है।

कई संस्थानों के शिक्षा का स्तर ‘टॉप’लेवल का है,जबकि कई में स्तर ‘निम्न’ से भी गिरा है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर एमबीए के लिए संस्थान का चुनाव कैसे किया जाए? आइमा के डायरेक्टर जनरल इस संबंध में कहते हैं‘फैकल्टी,बुनियादी ढांचा,प्लेसमेंट पैटर्न जैसी बातों पर मुख्य रूप से ध्यान देना चाहिए।

निश्चित रूप से मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की ऐसी भेड़चाल में सही संस्थान का चुनाव बेहद जरूरी है। लेकिन ऐसा भी कतई नहीं है कि विधार्थियों व अन्य संस्थानों में इस बारे में जागरूकता नहीं आयी हो। नोएडा स्थित एमिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जनरल श्री राज सिंह कहते हैं ‘ अब मैनेजमेंट एजुकेशन क्वालिटी फोकस हो गयी है। अब हर संस्थान को छात्र नहीं मिल रहे हैं। मेरी जानकारी में कई बड़े मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट बंद हो गए हैं। आज जरूरत क्वालिटी एजुकेशन देने की है और छात्रों को इंडस्टी की आवश्यकता के अनुसार तैयार करने की है।’वह आगे कहते हैं ‘एमिटी ने छात्रों को बेहतर बनाने के लिए मैंटरिंग कांसेप्ट लाया। इसमें हम 10-12 छात्रों के एक ग्रुप को एक फैकल्टी,एक इंडस्टी पर्सन और एक सीनियर छात्र के निर्देशन में रखते हैं ताकि वे अपनी फील्ड से संबंधित अधिकाधिक ज्ञान ले सकें। इसके अलावा पर्सनेलिटी डवलपमेट प्रोग्राम,लाइव प्रोजेक्ट,समर टेनिंग आदि पर भी विशेष ध्यान देते हैं।

संभावनाएं-
भारत में तेजी से सेवा क्षेत्र का विस्तार होने से व्यवसाय प्रबंधन में दक्ष युवाओं की मांग तेजी से बढ़ी है। उदारीकरण के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों का आगमन भी मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए संभावनाओं की सुखद बयार लेकर आया है। एमबीए में मार्केटिंग, पर्सनल, फाइनेंस, सेल्स, एडवरटाइजिंग, मैटेरियल मैनेजमेंट, इंटरनेशनल मार्केटिंग जैसे कई विषय समाहित होते हैं,इसलिए एमबीए की डिग्री प्राप्त युवाओं के लिए कई क्षेत्रोंमें प्रवेश के अवसर सुगम्य होते हैं।

यदि आप एमबीए अथवा समकक्ष पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक हैं तो देश के विभिन्न संस्थान आपके कॅरिअर को संवारने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि कई अन्य संस्थान भी हैं लेकिन निम्नलिखित देश के प्रमुख संस्थानों में से हैं-


प्रमुख मैनेजमेंट इस्टीट्यूट-

1-फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, दिल्ली विश्वविधालय।

2-द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, सी-10,कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया,नयी दिल्ली।

3-एक्सएलआरआई,सीएच एरिया ईस्ट,जमशेदपुर, झारखंड।

4-सिम्बोइसस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट,सेनापति बापट रोड,पुणे।

5-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, बी-21 कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया,नयी दिल्ली।

6-जगन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज,3 इंस्टीट्यूशनल एरिया,सेक्टर 5,रोहिणी,दिल्ली।

इसके अलावा डा बी आर अम्बेडकर विश्वविधालय आगरा,लखनउ विश्वविधालय,जीवाजी विश्वविधालय,पटियाला विश्वविधालय,शाहूजीमहाराज विश्वविधालय,कानपुर समेत देश के कई विश्वविधालयों में एमबीए पाठ्यक्रम संचालित है।

 

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